थाने में पत्रकारों की अर्धनग्न तस्वीर पर एक्शन, थाना प्रभारी और सब इंस्पेक्टर लाइन हाजिर

नई दिल्ली जनमत। मध्य प्रदेश के सीधी में आधा दर्जन से ज्यादा पत्रकारों को अर्धनग्न कर रखने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसकी तस्वीर वायरल होने के बाद एसपी ने थाना प्रभारी और सब इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया है। दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी ने पूछा है कि यदि इन्होंने कोई अपराध किया है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए थी। इस तरह उनके कपड़े उतारने का क्या तुक है। वहीं तस्वीरें वायरल होने पर देश भर पुलिस और एमपी सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है।

घटना गुरुवार की बताई जा रही है। एक पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद 25-30 पत्रकार थाने के सामने प्रदर्शन करने जमा हुए थे। पुलिस ने उन्हें पकड़कर हवालात में डाल दिया। इसके बाद अंडरवियर छोड़ उनके सारे कपड़े उतार दिए गए। इसी हालत में उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं।

थाना प्रभारी मनोज सोनी ने बताया कि कुछ दिन पहले थाने में एक आदमी के खिलाफ FIR दर्ज़ हुई थी। यह आदमी फर्जी आईडी बनाकर प्रतिष्ठित लोगों को अपशब्द बोलता था। आरोपी की तरफ से 25-30 लोगों ने थाने के सामने प्रदर्शन किया। इन लोगों को हवालात में डाल दिया। इनमें से एक ही पत्रकार है जो यूट्यूब पर काम करता है। हवालात में लोगों को अर्धनग्न करने के सवाल पर थाना प्रभारी का कहना है कि ऐसा सुरक्षा की दृष्टि से किया जाता है। कई बार कैदियों को अंडरवियर में रखा जाता हैं जिससे कोई व्यक्ति अपने कपड़ों से खुद को फांसी न लगा ले।

इधर, कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि आरोपियों के खिलाफ बीजेपी के विधायक ने मामला दर्ज कराया था। प्रशासन के मुताबिक इनमें से कुछ फर्जी पत्रकार हैं और कुछ रंगकर्मी। इनके खिलाफ कानूनी तरीके से कार्रवाई करने के बजाय प्रशासन ने उनके कपड़ों पर ही बुलडोजर चला दिया।


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