तीन तलाक अमान्य घोषित तो सज़ा किस बात की, स्पष्ट करे सरकार : अशरफ किछौछवी
लखनऊ जनमत । देश में तीन तलाक़ पर बने कानून पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आल इंडिया उलमा व मशाईख बोर्ड के अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने कहा कि यह कैसा कानून है जिसमें वह जुर्म जिसके लिए सज़ा दी जा रही है वह हो ही नहीं रहा है । जो समझ में आने वाली बात नहीं है । उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक़ को अमान्य घोषित कर दिया है तो कानून बनाकर सज़ा किस बात की दी जाएगी ? इसको सरकार स्पष्ट करे । उन्होंने कहा कि इस पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि हम एक समय में दी जाने वाली तीन तलाक़ पर कानून बनाने का विरोध नहीं करते लेकिन इसे व्यावहारिक होना चाहिए । इस पर दोबारा मंथन किया जाना जरूरी है, जल्दबाजी में लिया गया निर्णय न्याय का मज़ाक बनाने वाला प्रतीत होता है । उन्होंने सवाल किया कि यह कैसे सुनिश्चित होगा कि इस कानून का दुर्पयोग नहीं होगा । सरकार बताए कि जब पति जेल में होगा तो गुज़ारा भत्ता कहां से देगा ? जब पत्नी पति को जेल भेज देगी और उसके बाद उसे उसी के साथ रहना होगा तो हिंसा नहीं होगी इसकी क्या गारंटी है ? ज...